Saturday, September 18, 2010

महाराव शेखाजी


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सूरां सतियाँ सेहरो,
शेखा धरती सान |
तो माटी में निपजै,
बढ़ बढ़ नर बलवान ||

2 comments:

  1. केसर नहं निपजै अठै
    नहं हीरा निपजंत.
    सिर कटियाँ खग साम्भणा
    इण धरती उपजंत..

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